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रिश्तों की तस्वीरें - लेखनी कहानी -27-Jun-2022


 रिश्ते होते हैं नि:शब्द तथा शर्त विहीन
झुकने में एक-दूजे के समक्ष न हो हीन।

रिश्तों में होता है प्यार संग मीठी लड़ाई
दोनों से ही पता चलती दिल की गहराई।

रिश्ते अपनों से हार में भी ढूँढ लेते हैं जीत
मुश्किल समय में भी मिटे न आपसी प्रीत।

रिश्ते हैं एक किताब गलती उसका एक भाग
पृष्ठ अहं का फाड़ने से रिश्ते न पकड़े आग।

मुश्किल ना होता कभी जीवन में रिश्ते बनाना
काँटो भरी डगर है जीवन में रिश्ते निभाना।

जिनकी तिजोरी हो रिश्तों की दौलत से भरी
धन-दौलत बेमोल है केवल यही दौलत खरी।

बदलते वक्त में बदल रही है रिश्तों की तस्वीर
निज स्वार्थ हेतु न चूके लोग दें अपनों को पीर।

रिश्तों में होता था जो विश्वास और सम्मान
आज उनमें तनाव ला रहा अपनों का अभिमान।

क्षमा, विश्वास, खुशी कहलाते रिश्तों का ताज
आज मनोविकार, नफरत गिराते इन पर गाज।

रिश्तों की पवित्रता, मन की सच्चाई व नम्रता
ईर्ष्या की चादर ओढ़ ले आई जीवन में उग्रता।

दिलों में प्यार की जगह छाती जा रही नफ़रत
कटु विचारों की ईंटों से बनी रिश्तों की इमारत।

घृणा के बीज से रौपा जा रहा रिश्तों का पौधा
उपजा द्वेष का पेड़ जिससे सौहार्द न कौधा।

रिश्तों की गहराई लज्जा से घूँघट में जा छिपी
सौहार्द की खुशबू लालच और खटास में लिपी।

रिश्ते पहले जो चंदन समान थे सदा महकते
शीतलता छोड़ अब गिरगिट सम रंग बदलते।

संग दुख-दर्द बाँटने की जगह चलें शतरंजी चाल
मामूली बातों में रिश्तों की डोर तोड़ करें बवाल।

विकास की दौड़ में मानव क्यों जा रहे भूलते हम
हर जख्म का इलाज़ है रिश्तों के प्रेम की मरहम।

आओ एक बार पुनः बदलें रिश्तों की तस्वीर
मन की कलुषता मिटा बाँटे अपनत्व की खीर।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

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6 Comments

Swati chourasia

08-Jul-2022 06:30 PM

बहुत ही खूबसूरत रचना 👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

29-Jun-2022 12:17 AM

Nice

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Raziya bano

28-Jun-2022 09:03 AM

Beautiful

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